लेकिन पीड़िता और उसके परिवार की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने पंचायत के फरमान को दरकिनार कर हिम्मत दिखते हुए महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। बता दें, मेराल थाना के एक गांव की 11 वर्षीया आदिवासी नाबालिग लड़की शाम में पहाड़ की ओर लकड़ी चुनने गई थी।
उसके साथ उसका चचेरा भाई भी था। इसी दौरान गांव के एक युवक ने उस लड़की को पकड़ लिया और उसे जबरदस्ती जंगल की ओर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। चचेरे भाई के शोर मचाने के बाद आरोपी युवक घटना स्थल से फरार हो गया।
पहले तो इस मामले को लेकर गांव में पंचायत जुटी, लेकिन पंचायत ने दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जगह नाबालिग को इस मामले में प्राथमिकी नहीं दर्ज कराने का आदेश दे दिया।
जिसके बाद पीड़िता और उसके परिवार ने हिम्मत का परिचय देते हुए गढ़वा महिला थाना में पहुंच कर एफआईआर दर्ज करायी। थाने में मामला दर्ज होते ही पुलिस ने पीड़िता के बयान पर जांच शुरू कर दी। बताया जाता है कि घटना के बाद गांव में पंचायत ने गांव के प्रबुद्धजनों की एक पंचायती बैठाई गई जिसमें पंचायत द्वारा यह निर्णय दिया गया कि इस मामले को गांव में ही रखा जाए।
गांव से बाहर यह मामला न जाए। इसलिए पीड़ित के परिवार वालों को यह फरमान सुनाया कि इसकी प्राथमिकी दर्ज नहीं होगी।
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