दिव्य संवाद: कई महीनों तक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर हमले की किसी भी योजना से इनकार करते रहे लेकिन गुरुवार को उन्होंने एक लाइव टीवी कार्यक्रम में यूक्रेन में ‘स्पेशल मिलिटरी ऑपरेशन’ का एलान कर दिया।
रूसी राष्ट्रपति के इस एलान के बाद यूक्रेन की राजधानी कीएफ़ समेत देश के अन्य हिस्सों में धमाकों की आवाजें सुनी गईं। रूस की तरफ़ से ये कार्रवाई पुतिन के मिन्स्क शांति समझौते को खत्म करने और यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों में सेना भेजने की घोषणा के बाद की गई है।
रूस और यूक्रेन के प्रस्ताव से दोनों पक्ष को संकेत।
रूस की तरफ़ से इन राज्यों में सेना भेजने की वजह शांति कायम करना’ बताया गया है। रूस ने हाल के महीनों में यूक्रेन बॉर्डर के पास लगभग 2 लाख सैनिकों को तैयार किया हुआ था। जिसके बाद यूक्रेन पर हमले की अटकलें काफ़ी वक़्त से लगाई जा रही थी।
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हालांकि रूस लगातार इन अटकलों को ख़ारिज करता रहा। अब जब हालात और ख़राब हो चुके हैं और यूक्रेन के कई शहरों पर रूस के हमले की ख़बरें और तस्वीरें आने लगी है। तो ऐसे में सब के मन ये सवाल आता है कि आख़िर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चाहते क्या है।
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इसे समझने के लिए हमें 10 साल पीछे यानी साल 2012 में जना होगा तब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। उस वक़्त रूस समर्थित विद्रोहियों ने देश के पूर्वी हिस्से में एक अच्छे खासे इलाक़े पर क़ब्ज़ा कर लिया था। उस वक़्त से लेकर आज तक इन विवाद की यूक्रेन के सेना से भिड़ंत लगातार जारी है।