भारतीय दंड संहिता (IPC 326a) की धारा 326ए और IPC 326b के अनुसार जो कोई किसी व्यक्ति के शरीर के किसी भाग या किन्ही भागों को उस व्यक्ति पर अम्ल फेंककर या उसे अम्ल देकर या किन्हीं अन्य साधनों का प्रयोग करके ऐसा कार्य करने के आशय या ज्ञान से किसी संभाव्य है उसने ऐसी क्षति या उपहित कारीत हो अस्थाई या आंशिक नुकसान कारीत करेगा।
अंगविकार करेगा या निशक्त बनाए गए या घोर उपहित सहित कारित करेगा वह( IPC 326a)दोनों में से किसी भांति के कारावास जिनकी अवधि 10 वर्ष से काम के नहीं होगी किंतु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी दंडित किया जाएगा और जुर्माना से दंडित होगा यदि किसी व्यक्ति द्वारा किसी अन्य व्यक्ति के शरीर को नुकसान पहुंचाने के इरादे से एसिड फेंका गया है।
और पीड़ित पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से जख्मी हुआ है तो यह कृत्य या गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आएगा इसके तहत दोषी को कम से कम 10 साल की सजा और अधिकतम उम्रकैद के साथ-साथ जुर्माना से दंडित किए जाने का प्रावधान है।
आईपीसी धारा 304B क्या है। IPC 304B
जब कोई किसी व्यक्ति के स्थाई आंशिक नुकसान कार्य करने या उसका अंग बिहार करने या जलाने या विकलांग बनाने या विदुसित करने या नि:सख्त बनाने या घोर उपहित कारित करने के आशय से उस व्यक्ति पर अम्ल फेंकने का प्रयत्न करेगा वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि पाँस वर्ष से कम की नहीं होगी किंतु जो सात वर्ष तक की होगी सकेगी दंडित किया जाएगा और जुर्माना से भी दंडित होगा।
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