खूनी परी की बहुत ही दर्दनाक कहानी।

बहुत समय पहले एक दूरस्थ जंगल में एक रहस्यमयी परी का वास था, जिसे लोग "खूनी परी" के नाम से जानते थे। यह परी एक समय पर स्वर्ग की सबसे सुंदर और दयालु प्राणी थी, लेकिन उसकी कहानी दर्द और पीड़ा से भरी हुई है।

कहते हैं कि खूनी परी का असली नाम एलिना था। वह एक अद्भुत और शुभचिंतक परी थी, जो लोगों की मदद किया करती थी। वह अपने जादुई पंखों से लोगों के दुख दर्द हर लिया करती थी, और हर जगह जहां वह जाती, वहां खुशियाँ फैल जातीं। गाँव के लोग उसकी पूजा करते थे, उसे देवी की तरह मानते थे।

लेकिन उसकी जिंदगी में एक अंधकारमय मोड़ तब आया जब उसने एक राजकुमार से प्रेम किया। राजकुमार, जो कि अत्यंत महत्वाकांक्षी था, उसे अपने प्रेम के जाल में फंसा लिया। एलिना ने अपना सारा जादू, अपनी सारी शक्तियाँ उसे सौंप दीं, यह सोचकर कि वे दोनों हमेशा साथ रहेंगे। लेकिन राजकुमार का मन लालची था। उसने एलिना की शक्तियों का इस्तेमाल अपने राज्य को बढ़ाने के लिए किया, और जब उसे लगा कि अब परी की जरूरत नहीं रही, उसने उसे धोखा दिया।

राजकुमार ने एलिना को जंगल में छोड़ दिया और उससे हमेशा के लिए मुंह मोड़ लिया। यह धोखा एलिना के दिल में गहरे जख्म छोड़ गया। उसका दिल टूट गया और उसका प्यार नफरत में बदल गया। धीरे-धीरे, उसकी सुंदरता भी खत्म हो गई, और उसकी शक्तियाँ अंधकारमय हो गईं। अब वह दूसरों की मदद करने के बजाय उनसे बदला लेने लगी।

उसके पंख काले हो गए, और उसके चेहरे पर हमेशा दर्द और गुस्से की छाया रहने लगी। लोग कहते हैं कि उसने खुद को "खूनी परी" का नाम दिया और उन सभी से बदला लेने लगी, जो प्रेम और विश्वास का मजाक उड़ाते थे। वह लोगों के दिलों में छिपे झूठ और धोखे को देख सकती थी, और जो कोई भी सच्चे प्यार को धोखा देता, उसे वह अपनी क्रूरता से मार डालती।

गाँव में कई लोग उसकी कहानियाँ सुनाते थे कि कैसे वह रात में किसी के सपनों में आती और उन्हें उनके बुरे कर्मों की सजा देती। लेकिन उसकी यह क्रूरता उसकी पीड़ा का परिणाम थी, जो उसने राजकुमार के धोखे के कारण सहा था।

समय के साथ, खूनी परी का नाम पूरे राज्य में डर और आतंक का प्रतीक बन गया। लेकिन जो लोग उसके अतीत के बारे में जानते थे, वे समझते थे कि वह भी एक पीड़ित थी—एक परी जिसका दिल टूटने के बाद दर्द ने उसे बर्बाद कर दिया। अब, वह हमेशा अकेली और अंधकार में जी रही थी, अपने पुराने प्यार की यादों में डूबी हुई।

खूनी परी की यह दर्दनाक कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्चे प्यार के साथ विश्वासघात किसी को भी कितना गहरा दर्द दे सकता है।

परी का अंत क्या था?


खूनी परी का अंत बेहद दर्दनाक और मार्मिक था। एलिना, जो एक समय पर सबसे प्यारी और दयालु परी थी, अब पूरी तरह से अपने दर्द और बदले की भावना में डूब चुकी थी। उसने उन सभी से बदला लेना शुरू कर दिया था, जो उसे धोखा देते थे या सच्चे प्यार का अपमान करते थे। लेकिन उसकी ये यात्रा अंतहीन नहीं थी।

कई सालों तक खूनी परी का आतंक फैलता रहा। लोग उससे डरते थे, लेकिन कोई उसकी पीड़ा को समझ नहीं पाया। उसकी कहानी धीरे-धीरे एक भयानक मिथक बन गई। पर एक दिन, जंगल में एक युवा लड़की आई, जिसका नाम आर्या था। आर्या ने खूनी परी की कहानी सुनी थी, लेकिन वह उससे डरने के बजाय उसकी मदद करना चाहती थी। आर्या का दिल बेहद साफ और सच्चा था, और वह यह मानती थी कि कोई भी इतना बुरा नहीं हो सकता अगर उसका दिल सच्चे प्यार से भरा हो।

आर्या ने खूनी परी को ढूंढने का फैसला किया। वह उस घने और डरावने जंगल में चली गई, जहाँ लोग जाने से डरते थे। दिन-रात की लंबी यात्रा के बाद, वह आखिरकार परी के अंधेरे किले तक पहुंची, जहाँ परी अकेली और उदास रहती थी।

जब आर्या ने परी को देखा, तो उसने उसकी पीड़ा को समझा। वह जानती थी कि यह सब दर्द और बदला केवल एक टूटे हुए दिल की वजह से है। आर्या ने उसके पास जाकर धीरे से कहा, "तुम्हें इस दर्द से मुक्ति मिल सकती है, लेकिन इसके लिए तुम्हें अपने दिल की नफरत को छोड़ना होगा।"

पहले तो परी ने उसकी बात को नजरअंदाज किया और गुस्से में उसे वहां से चले जाने को कहा। लेकिन आर्या ने हार नहीं मानी। उसने परी के सामने एक आईना रखा और कहा, "देखो, यह वही परी है जो कभी लोगों को खुशियाँ देती थी। तुम्हारा असली रूप अभी भी कहीं न कहीं तुम्हारे अंदर है। तुम्हें सिर्फ अपने दर्द से मुक्ति पाकर उसे फिर से ढूंढना है।

खूनी परी ने जब आईने में अपनी भयानक शक्ल देखी, तो उसकी आँखों में आँसू आ गए। उसे अपने पुराने जीवन की याद आ गई वह समय जब वह एक निर्दोष और दयालु परी थी। उसे एहसास हुआ कि उसका सारा दुख और बदला उसे और अधिक दर्द ही दे रहा है।

आर्या की सच्ची और निःस्वार्थ बातें उसके दिल को छू गईं। उसने अपनी सारी नफरत और क्रोध को छोड़ने का फैसला किया। जैसे ही उसने अपनी नफरत को छोड़ा, उसके काले पंख फिर से सफेद हो गए, और उसका चेहरा फिर से सुंदरता और शांति से भर गया। उसकी आत्मा को शांति मिल गई थी।

खूनी परी ने आर्या से कहा, "तुम्हारी सच्चाई और प्रेम ने मुझे मेरे सबसे गहरे दर्द से बाहर निकाला है। अब मैं मुक्त हूँ, लेकिन यह मेरी आखिरी यात्रा है।"

इसके बाद परी धीरे-धीरे आकाश में उड़ गई, और उसके पंख धीरे-धीरे गायब हो गए। वह एक चमकते हुए तारे में बदल गई, जो हमेशा के लिए आकाश में चमकता रहा।

गाँव के लोगों ने उस रात आसमान में एक नया तारा देखा और समझा कि खूनी परी को आखिरकार शांति मिल गई है। इस तरह, खूनी परी का अंत उसके दर्द से मुक्ति और उसकी आत्मा की शांति में हुआ। वह अब अंधकार से मुक्त हो चुकी थी और एक नई रोशनी बनकर आकाश में चमक रही थी।