एक समय की बात है, एक गरीब लकड़हार अपने गाँव में रहता था। वह और उसकी पत्नी दिन-रात मेहनत करते थे, लेकिन फिर भी उनका जीवन अत्यंत गरीबी और अभाव में बितता था।
एक दिन, वह लकड़ी की खोज में एक जंगल में गया। वहाँ उसने एक पुराना, धुंधला सा थाल (थाली) पाया। उसने थाल को धो लिया और घर ले गया। उसने धीरे-धीरे ध्यान दिया कि यह थाल किसी चमकीले पदार्थ से बना है।
अगले दिन, जब वह थाल में अपना भोजन रखने के लिए रखा, तो वह देखा कि थाल से अचानक सोना निकलने लगा। वह हैरान हो गया, लेकिन फिर भी वह सोचा कि यह उसका स्वप्न हो सकता है।
वह अगले दिन फिर से थाल में अपना भोजन रखने के लिए रखा, और फिर से सोना निकलने लगा। उसने समझा कि यह कोई अद्भुत थाल है, जो हर दिन सोना उत्पन्न कर रही है।
वह अपनी पत्नी को बताया, और उन दोनों ने सोचा कि यह सोने की थाल से अद्भुत धन का स्रोत हो सकता है। उन्होंने थाल को सावधानी से रखा, और सोने को निकाल कर उसे बेचने लगे।
इस तरह, उनकी गरीबी की भाग्य बदल गई। उन्होंने थाल से निकला सोना उद्योग का स्थापना किया और धीरे-धीरे अमीर हो गए। इस कहानी का संदेश है कि मेहनत, संयम, और संज्ञानशीलता से एक व्यक्ति किसी भी स्थिति को परिवर्तित कर सकता है, और अद्भुत सफलता प्राप्त कर सकता है।
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