ही, यह कहना था 10 वें ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ़ जर्नलिज्म के उद्घाटन के अवसर पर एएएफटी यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. संदीप मारवाह का। उन्होंने आगे कहा कि पत्रकारिता का अर्थ है सच्चाई को सामने लाना चाहे वो किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुडी हो,पत्रकारिता कभी खामोश नहीं रह सकती कलम हमेशा चलती रहती है।
इस अवसर पर गवर्नर लेफ्टिनेंट जनरल के.एम. सेठ, हयेत तलबी टुनिशिया की एम्बेसडर, डॉ शमा हुसैन फाउंडर इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंफ्लुएंसर्स ओमान, डॉ जेनिस दरबारी कौंसल जनरल ऑफ़ रिपब्लिक ऑफ़ मोंटेरनगरो, मोहित सोनी सीईओ मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्किल कॉउन्सिल, वी.एम. बंसल चेयरमैन नई दिल्ली इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, रूद्र दासगुप्ता बिज़नेस ट्रांसफॉर्मेशन कैटेलिस्ट व अशोक त्यागी फिल्म डायरेक्टर मौजूद रहे। के.एम. सेठ, ने कहा कि जर्नलिस्ट का कोई धर्म नहीं होता वो बस अपनी कलम का सिपाही होता है, वह आईना होता है।
समाज का जो सच्चाई को अपनी दूरदर्शिता से पहचान जाता है,डॉ शमा हुसैन ने कहा की कई बार ब्रेकिंग न्यूज़ के या सबसे पहले न्यूज़ दिखाने के चक्कर में बहुत बार चैनल सच्चाई को जानने की कोशिश नहीं करते। डॉ जेनिस दरबारी ने कहा की इस कलम की सच्चाई में इतनी ताकत होती है कि इंसान को अर्श से फर्श पर ला सकती है। मोहित सोनी ने कहा की अदालत के बाद पत्रकारिता पर ही भरोसा है की वो न्याय करेगी। अशोक त्यागी ने कहा की इस तरह के फेस्टिवल होने से एक नयी ऊर्जा का संचार होता है।
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