अररिया. सूचना क्रांति का चमत्कार कहें या लोगों की जागरूकता का असर,लेकिन इतना तय है कि सोशल मीडिया आज के दौर में सूचनाओं को शीघ्रता से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने का सशक्त माध्यम बन गया है। कोई भी घटना वायरल होने के कुछ ही समय में दुनिया के किसी भी कोने में आसानी से पहुंच जाती है। इतना ही नहीं,सरकार के स्तर पर इन सूचनाओं पर कई दफा बड़ी कार्यवाही भी की जाती रही है। बिहार के अररिया जिले में भी एक ऐसे बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता हैं।
जो न केवल सोशल मीडिया पर अपनी पैनी निगाह रखते हैं बल्कि मामला संज्ञान में आने पर तुरंत कार्यवाही भी करते हैं। जी हां,हम बात कर रहे हैं बिजली विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आलोक रंजन की। वैसे तो आलोक रंजन शुरू से ही अपनी कार्यप्रणाली के लिए जाने जाते हैं लेकिन आजकल उनका एक नया रूप देखने में आ रहा है। खुद के विभाग से जुड़ी खबरों पर कार्यपालक अभियंता बड़ी पैनी निगाह रखते हैं और उन पर संज्ञान लेते हुए सख्त कार्रवाई करने से भी गुरेज नहीं करते।
ऐसा ही एक मामला 07 जनवरी शुक्रवार को उस वक्त सामने आया जब मीडिया से पीड़ित गणपत कुमार ने अपनी शिकायतों को सुनाया,गणपत कुमार ने अपने द्वारा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अररिया के न्यायालय में दर्ज शिकायतों में कहा है कि अपने आप को बिजली विभाग के कर्मचारी बताकर बेवजह झूठा केस में फसाने की धमकी देकर रिश्वत की मांग करते हुए अररिया के ओमनगर वार्ड संख्या 08 के अनिल पासवान नामक व्यक्ति की वीडियो उनके पास उपलब्ध है।
पीड़ित गणपत कुमार द्वारा मीडिया एवं कार्यपालक अभियंता को वीडियो उपलब्ध कराने के बाद कार्यपालक अभियंता आलोक रंजन ने तुरंत मामले पर संज्ञान लेते हुए जांच कमेटी का गठन कर उचित कार्यवाही करने के निर्देश जारी कर दिए। इसके बाद से सोशल मीडिया पर लोग कार्यपालक अभियंता की कार्यप्रणाली की जमकर वाहवाही कर रहे हैं।
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