पटना, सुशासन बाबू की राज में मुर्दे को भी अहम जिम्मेदारी दी जाती है। जी हाँ सही सुना आपने हाल ही में जहां एक तरफ भरगामा प्रखंड में मुर्दे को मनरेगा में काम करते पाया गया था वहीं हाल ही में रानीगंज प्रखंड में मुर्दे को चुनाव करवाने की जिम्मेदारी दी गई है। इस तरह का चमत्कार सुशासन बाबू की राज में ही सम्भव है।
बताते चलें कि रानीगंज प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी के द्वारा 2 वर्ष पूर्व मृत शिक्षक को भी चुनाव कार्य में लगाने का आदेश निर्गत कर दिया गया है।
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक भरगामा प्रखंड के वीरनगर पंचायत के मोहम्मद शकील चंचल जो रानीगंज प्रखंड के विशनपुर पंचायत के प्राथमिक विद्यालय कर्बला हाट मुसहरी में शिक्षक के पद पर नियुक्त थे, जिसकी मौत 2 वर्ष पूर्व बीमारी से हो गई थी। लेकिन उसे रानीगंज प्रखंड विकास पदाधिकारी सह निर्वाची पदाधिकारी के पत्रांक 1266 दिनांक 27 सितंबर 2021 के आलोक में ईवीएम कमिश्निंग के लिए खरसाही पंचायत व विक्टोरिया पंचायत के पंचायत समिति पद में लगने वाले इवीएम कमिश्निंग की ड्यूटी में काम करने का आदेश निर्गत कर दिया गया है।
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चुनाव जैसे महापर्व में भी इस प्रकार की लापरवाही प्रखंड प्रशासन द्वारा किया जाना पंचायत चुनाव को लेकर गंभीरता पर सवाल खड़ा करता है। जब यही लापरवाही चुनाव के दिन होती तो उसके लिए जिम्मेदार कौन होता है। मृत शिक्षक या प्रखंड प्रशासन? आखिर शिक्षक को चुनाव ड्यूटी में लगा देना लापरवाही है या नहीं? यदि लापरवाही है तो इसके लिए दोषी कौन है? जो दोषी है उस पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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इसी लापरवाही की किरकिरी भरगामा प्रखंड में हुए पंचायत चुनाव में वरीय अधिकारियों को झेलनी पड़ी है। अगर लापरवाही का यही आलम रहा तो रानीगंज प्रखंड के पंचायत चुनाव में भी वरीय प्रशासन इसी प्रकार की किरकिरी झेलने को मजबूर होगा।
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वही इस संबंध में जिला पंचायती राज पदाधिकारी किशोर कुमार ने बताया कि यह भूलवश हो गया होगा इसमें सुधार कर लिया जाएगा।
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