अररिया, भरगामा, मनरेगा घोटाला के संबंध में दायर जनहित याचिका सी डब्ल्यू जे सी 9582/2021 में उच्च न्यायालय पटना के आदेशानुसार याचिकाकर्ता गणपत कुमार मेहता ने समय सीमा के अंदर डीएम अररिया प्रशांत कुमार को आवेदन दिया।
मनरेगा घोटाला- डीएम के आदेश के बाद भी नहीं दर्ज हुई प्राथमिकी
डीएम को दिए आवेदन में याचिकाकर्ता ने जयनगर पंचायत में हुए मनरेगा योजना के तहत हुए विभिन्न कार्यों में करोड़ों रुपए के गबन की बात बताई है। आवेदन में कहा गया है कि वर्ष 16-17 से 20-21 तक मनरेगा योजना में कई फर्जी मजदूरों से काम करवाया गया है एवं कई ऐसे फर्जी खाते में पैसे ट्रांसफर किया गया है जिन्होंने आज तक कभी न तो काम किया और न ही जॉब कार्ड बना है। आवास लाभुकों को मनरेगा से मिलने वाले पैसे में भी हेराफेरी की बात बताई गई है।
याचिकाकर्ता ने डीएम को मामले से अवगत कराते हुए पंचायत में पिछले 5 वर्षों के मनरेगा कार्यो की निष्पक्ष जांच कराकर दोषी मुखिया एवं पदाधिकारी गण पर उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित समय सीमा के अंदर कार्यवाही करने का आग्रह किया है।
अजब-गजब, अररिया में मुर्दे भी करते हैं मनरेगा में काम
बताते चलें कि जयनगर पंचायत में मनरेगा घोटाला तब उछल कर सामने आया जम उच्च न्यायालय में मृत व्यक्ति को मनरेगा में कार्य करते हुए पाया गया। साथ हीं बिना जॉब कार्ड धारी के खाते में मनरेगा मद की राशि भेजने के अलावा भारी मात्रा में मनरेगा योजना में अनियमितता पाई गई। कोर्ट ने मनरेगा में भ्रष्टाचार मामले में नाराजगी जताते हुए डीएम अररिया को तीन महीने के अंदर जाँच कर कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।
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