बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम बिहार सरकार द्वारा चलाया गया एक अभियान है। जिसमें सरकारी कर्मचारियों द्वारा आम जनता को लापरवाही एवं कार्य करवाने में सहूलियत होती है। अतः हम कह सकते हैं बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम सरकार द्वारा आम जनता के लिए एक वरदान है।
बिहार लोक शिकायत निवारण के फायदे
इनके कई सारे फायदे हैं यदि आप सरकारी कर्मचारी या सरकारी कार्यालय किसी काम करवाने के लिए जाते हैं और आपके काम के बदले पैसे की डिमांड होती है। या फिर आपका कार्य नहीं किया जाता है, लापरवाही की जाती है, बेवजह टाला जाता है, आपको परेशान किया जाता है तो ऐसी परिस्थिति में आप बिहार लोक शिकायत निवारण कार्यालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
सबसे बड़ा फायदा इसमें यह है कि यह निशुल्क है। इसके लिए कोई आपको फीस नहीं देनी पड़ती है। दूसरा फायदा यह है कि आप आसानी से वाद दायर कर सकते हैं।
तोते के बारें में पूरी जानकारी जो आप नहीं जानते हैं
वाद दायर करने के लिए आप लोग शिकायत निवारण कार्यालय के काउंटर पर जा सकते हैं। ऑनलाइन वेब पोर्टल पर कर सकते हैं। मोबाइल एप्लीकेशन के द्वारा कर सकते हैं एवं टोल फ्री नंबर पर फोन करके भी कर सकते हैं। साथ हीं आप अपने वाद की ऑनलाइन स्टेटस भी देख सकते हैं। वाद की कॉपी एवं ऑर्डरशीट ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें वाद निष्पादन की समय सीमा 60 दिन रखा गया है। 60 दिन के अंदर अंदर आप के मामले का निष्पादन कर दिया जाता है।
लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत वाद दायर करने का सही तरीका
आज हम आपको वाद दायर करने की प्रक्रिया बताते हैं। ऑनलाइन वाद दायर करने के लिए आपको बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम की वेबसाइट पर जाना है। वहां पर नीचे दिए गए वेबसाइट के अनुसार आप अपना वाद दायर कर सकते हैं एवं स्थिति जान सकते हैं। वाद दायर करने से पहले कुछ काम आपको और करना होता है। सबसे पहले आपको अपने कार्य करवाने के लिए संबंधित विभाग मैं एप्लीकेशन देना होता है। यदि आपका कार्य हो गया तो ठीक है नहीं हुआ तो आप लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम पदाधिकारी के नाम आवेदन लिखेंगे जो इस प्रकार होगा।
नीचे दिए गए वीडियो को देखकर आप बहुत आसानी से अपने वाद दायर कर सकते हैं।
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