पटना: बिहार में प्राइवेट और सरकारी स्कूल फिलहाल नहीं खुलने जा रहे हैं। सूबे के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने प्राइवेट स्कूल संचालकों की इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है कि स्कूल खोले जाने चाहिये। मंत्री उन स्कूलों पर भी बरसे हैं जो सरकार से मुआवजा मांग रहे हैं।
बच्चों को कुछ हुआ तो कौन जिम्मेवार होगा
शिक्षा मंत्री ने कहा है कि कोरोना का नेचर बदल रहा है।अभी दिल्ली में पहले कोरोना संक्रमण कुछ कम हुआ और फिर उसके मामले तेजी से बढ गये। अगर ऐसे में सरकार स्कूलों में बच्चों को आने की इजाजत दे दे और कुछ हुआ तो सरकार ही जिम्मेवार मानी जायेगी। सरकार बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती। लिहाजा अभी स्कूलों को खोलने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
स्कूल संचालक जब पैसा कमा रहे थे तो क्या सरकार को दे रहे थे
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बिहार के शिक्षा मंत्री प्राइवेट स्कूल संचालकों पर भी बरसे हैं। दरअसल प्राइवेट स्कूलों के संचालकों ने सरकार से आर्थिक मदद की मांग की है। उनका कहना है कि कोरोना के कारण स्कूलों को काफी क्षति हुई है इसलिए सरकार को प्राइवेट स्कूलों को पैसा देना चाहिये। इस मांग से नाराज शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि स्कूल संचालक सरकार से मांग कैसे कर सकते हैं। वे जब कमाई कर रहे थे, तब तो सरकार को एक्सट्रा टैक्स नहीं दे रहे थे। कोरोना के कारण दिक्कत सबको हुई है।
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मंत्री ने कहा कि सरकार एक क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक करेगी, उसमें ये देखा जायेगा कि समस्याओं को कैसे शॉर्टआउट किया जा सकता है। बिहार में शिक्षा व्यवस्था कैसे पटरी पर आये सरकार इस पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राइवेट स्कूल का एक एक्ट बनाया है। इसका मकसद ये है कि निजी स्कूलों में एक पारदर्शी व्यवस्था हो सके।
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