प्रखंड विकास पदाधिकारी फारबिसगंज द्वारा भेजे गए इस पत्र सह चेतावनी पत्र में 11 बिंदुओं में अपनी मांग रखा है।जिसमें मुख्य रुप से ओबीसी की जातिगत जनगणना कराए जाने, मंडल आयोग की अनुशंसा को पूर्णतः लागू करने, ओबीसी वर्ग के पिछड़े-अति पिछड़े कर्मचारियों का शोषण- अत्याचार बंद करने, बेरोजगार युवक-युवतियों के समग्र विकास, केंद्र एवं राज्य सरकारों में ओबीसी के रिक्त पदों को भरने, मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा NEET में ओबीसी वर्ग को आरक्षण लागू करने, बिहार के तमाम जिला मुख्यालयों में माननीय बीपी मंडल (ओबीसी मसीहा) की प्रतिमा लगाने संबंधी मांगों सहित शासकीय विभागों और उपक्रमों के निजीकरण की प्रक्रिया पर पुरजोर विरोध दर्ज किया है।
ओबीसी महासभा के अररिया जिला सचिव संपत कुमार मेहता, ओम प्रकाश गुप्ता, मंटू कुमार यादव एवं दीपक ने सामूहिक रुप से बताया कि ससमय मांगों पर सरकार द्वारा विचार नहीं किए जाने की स्थिति में आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।
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